Saturday 30 January 2021

MAHATMA GANDHI

 

हिंदी कार्य 30/01/2021

 कक्षा छठी

कक्षा कार्य के अंतर्गत अभ्यास हेतु पाठ 2 चिट्ठी के अक्षर के जीवन मूल प्रश्न उत्तर करवाए गए । तथा वसंत ऋतु के बारे में विस्तार से मौखिक रूप से चर्चा करके गृह कार्य हेतु लिखने को दिया गया।

कक्षा आठवीं

कक्षा कार्य के अंतर्गत पाठ 18 निर्माण की वाचन प्रक्रिया करवा कर समझाया गया तथा प्रसंग और संदर्भ लिखवा कर व्याख्या गृह कार्य हेतु दी गई।

कक्षा सातवीं

व्याकरण कार्य के  अंतर्गत तत्सम, तद्भव तथा हिंदी शब्द और पद विस्तार से समझाया गया तथा कुछ शब्द लिखवाए गए।

Wednesday 27 January 2021

हिंदी कार्य 28/01/2021

 कक्षा छठी

कक्षा कार्य के अंतर्गत पाठ आया वसंत के शब्दार्थ तथा पाठ में से प्रश्न उत्तर करवाए गए।

गृह कार्य हेतु बातचीत के लिए दो प्रश्न उत्तर लिखने को दिए गए

कक्षा सातवीं

कक्षा कार्य के अंतर्गत क्रिया विशेषण के भेद विस्तार से समझा कर मौखिक रूप से व्यक्तिगत छात्रों से वाक्य रचना करवाई गई।

गृह कार्य हेतू क्रिया विशेषण के सभी भेदों के दो दो वाक्य बनाने है।

कक्षा आठवीं

कक्षा कार्य में संधि की परिभाषा समझाकर दीर्घ संधि तथ गुण संधि करवाई गई।

ग्रह कार्य

चेक -बुक खो जाने की सूचना देते हुए अपने बैंक के प्रबंधक को पत्र लिखिए।

Monday 25 January 2021

गणतंत्र दिवस

 

गणतन्त्र दिवस (गणतंत्र दिवसभारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतान्त्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।

सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके पश्चात स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरंभ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ० भीमराव अम्बेडकरजवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्णसंविधान लिखनायानिर्माण करनाथा। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधिवेत्ता डॉ० भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किये। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई।  जैसा कि आप सभी जानते है कि 15 Aug 1947 को अपना देश हजारों देशभक्तों के बलिदान के बाद अंग्रेजों की दासता (अंग्रेजों  के शासन) से मुक्त हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय साशन और कानून व्यवस्था लागू हुई। भाईयो और बहनों ने इस स्वतन्त्रता को पाने में अपने देश की हजारों-हजारों माताओं की गोद सूनी हो गई थी, हजारों बहनों बेटियों के माँग का सिंदूर मिट गया था, तब कहीं इस महान बलिदान के बाद देश स्वतंत्र हो सका था। जिस तरह देश का संविधान है, ठीक उसी तरह परमात्मा का भी संविधान है, यदि हम सब देश की संविधान की तरफ परमात्मा के संविधान का पालन करें तो समाज अपराध मुक्त सशक्त बन सकता है।

गणतंत्र दिवस समारोह

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दिया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानीनई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंटवायुसेनानौसेना आदि सभी भाग लेते हैं। इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर  विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते हैं, समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है। परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला अर्पित करते हैं| इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध  स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है। इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं।

परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत  कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है। परेड और जुलूस राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित होता है और देश के हर कोने में करोड़ों दर्शकों के द्वारा देखा जाता है। 2014 में, भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर परमहाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राईव पर परेड आयोजित की, जैसी हर वर्ष नई दिल्ली में राजपथ में होती है।