Saturday, 17 June 2023

आत्मविश्वास

 आत्मविश्वास मानव का अभिन्न अंग है। आत्मविश्वास मानव -चरित्र का मौलिक तथा उसके जीवन पद का प्रबल संभल है ।यह गुण मनुष्य को घर -परिवार और समाज के संस्कार से मिलते हैं तथा शिक्षण- अभ्यास  से ही विकसित होता है। जो आत्मविश्वास का अलख जगाकर  जीवन के मार्ग पर बढ़ता है, उसके समक्ष आपदाओं के पर्वत ढह जाते हैं और मंजिल सदा उसकी प्रतीक्षा करती रहती है। जिसकी सभी को आवश्यकता रहती है क्योंकि जिसके पास आत्मविश्वास का बल है, वह पराजय के क्षणों में विचलित नहीं होता, बल्कि नए संकल्प में उत्साह से आगे बढ़कर अंततः विजय प्राप्त करता है। वस्तुत: आत्मविश्वास के अंकुर से प्रयत्न का पौधा उगता हैं और प्रयत्न के  लहलहाते पौधे पर ही सफलता के मधुर फल लगते हैं किसी ने ठीक ही कहा है- 

मुर्दा वह नहीं जो मर गया मुर्दा हुआ है,

जिसका आत्मविश्वास मर गया है!

इसका दूसरा पहलू है 'साहस' साहसिकता  और वीर पुरुष का लक्षण है। वही सच्चे अर्थ में जीते हैं जो साहस पूर्वक कर्म करते हैं‌। वही सच्चे अर्थ में बढ़ते रहते हैं कुछ लोग समय को अपने अनुकूल ढालकर विजय श्री का वरण करते हैं। संसार का इतिहास उन्हीं लोगों के नामों से प्रकाशित है, जिन्होंने  समय की छाती पर अपना साहस की मुहर लगाई है। जो छिपकर या डर कर रह रहे वह काल की अंधेरी गुफाओं में गुम हो गए हैं। जिंदगी दिल दारो की है ,बुजदिल ओ की नहीं - 'जिंदगी जिंदादिली का नाम है, बल्कि आत्मशक्ति का नाम है। जब वह शक्ति जगाती है अभी संसार में हलचल होती है और कुछ नया उभर कर आता है ।बड़े-बड़े लोगों का बलिदान मानव के साहस की अमर निशानियां  हैं।

जो हिम्मत करता है इसलिए उसका साथ देता है- 'हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा।'वैसे हमारे जीवन यापन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आत्मविश्वास ,साहस तथा जुझारू प्रवृत्ति का होना अति आवश्यक है।




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