Thursday 27 September 2018

Hindi Divas Report!

प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस हिंदी के राष्ट्र भाषा के रुप में प्रतिष्ठित होने का गौरव और गर्व पूर्ण दिन है । हिंदी के प्रति निष्ठा व्यक्त करने , विश्व भर में चेतना जागृत  तथा वर्तमान स्थिति का अवलोकन कर उसकी प्रगति पर विचार करने का दिवस है ।
14 सितंबर हिंदी को गरिमा प्रदान करने वाले दिन को Cambridge की शिक्षिकाओं तथा विद्यार्थियों द्वारा अत्यंत ही प्रभाव पूर्ण ढंग से मनाने का प्रयास किया गया । अधिकतर विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा को अत्यधिक महत्व देते हैं , पर ऐसा भ्रम था । 14 सितंबर को हिंदी दिवस के उपलक्ष में सभी कक्षा के विद्यार्थियों ने हमारी मातृभाषा हिंदी के प्रति रुचि ,मूल सिद्धांतो तथा भाषा के सही ज्ञान को, सर्जनात्मक क्षमता के अनुरुप विषय को रुचिकर व प्रभाव पूर्ण ढंग से सचित्र रुप को अत्यंत सरल , सुगम तथा बोध गम्य शैली मे प्रस्तुत किया जो कि सराहनीय था।
जैसे UKG कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा वर्णों (अक्षरों ) का ज्ञान दर्शा कर मिलान करना प्रतियोगिता में प्रभाव पूर्ण प्रदर्शन किया । कक्षा प्रथम के विद्यार्थियों ने शब्दकोश पहेली (अंताक्षरी) खेले और जान प्रतियोगिता में उत्साहित हो कर भाग लिया । दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने नैतिक शिक्षा पर आधारित कहानी सुनो और सुनाओ तथा छोटे-छोटे शब्दों को जोड़ कर स्वरचित कविता बनाकर हिंदी भाषा के प्रति रुचि दिखाई । तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने ज्ञान पहेली प्रतियोगिता को सुचारु रुप स व्हिच उठकर हिंदी भाषा के प्रति रुचि को दर्शाया । कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों ने “अजंता की गुफाओं की खोज” को चित्रों वशब्दों के माध्यम से  तथा चतुर्थ कक्षा के विद्यार्थियों न हिंदी मेरी पहचान स्लोगन प्रतियोगिता सुचारु रुप से हिंदी अक्षरों को सजोकर प्रस्तुत किया । कक्षा सातवीं के छात्रों द्वारा वाचन प्रतियोगिता तथा दोहों का संकलन और कक्षा छठी के विद्यार्थियों ने अभिनय कौशल के द्वारा तथा बाद विवाद प्रतियोगिता उत्साह छोकर विस्तृत चर्चा करते हिंदी शब्दों का उचित प्रयोग कर ताकिर्क कुशलताओ का परिचय देने मे प्रयासरत रहे । आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अलग-अलग विषय पर मौखिक अभिव्यक्ति तथा लिखित रूप में बात चीत की कला के गुणों की घटनाओं को तथा अनेक पाठों को कम से कम शब्दों मे घटनाओं को क्रमबद्ध वर्णन कर हिंदी भाषा के प्रति अर्थात हिंदी पराकाष्ठा के महत्व को अग्रसर करते देख प्रतीत हो रहा था कि विद्यार्थियों के रोचक भाषाई क्षमताओं का विकास आत्मविश्वास से परिपूर्ण स्तर अनुसार अभिव्यक्ति थी।
सर्जनात्मकता तथा कलात्मकता से ओत प्रोत दिखाई दे रही थी , जो कि प्रशंसनीय व सराहनीय थी। सभी प्रतियोगिताओं का सतत व्यापक मूल्यांकन के लिए आवश्यक कौशलो की पहचान तथा उन्हें सम्मिलित करने के प्रयास को सतत अभ्यास को  निरूपित किया गया । जिसमें विद्यार्थियों के कौशलो कासंपूर्ण विकास होने में सहायक सिद्ध होगा

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