Tuesday, 14 November 2017

बाल दिवस

बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमपेल ।
बरस-गांठ चाचा नेहरू की फिर आई है आज,
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है नाज ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान ।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल ।
हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐमा सुख संसार
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार ।
नही घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास ।
झगडे नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल 
पडे जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश ।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी माँ की रक्खें ऊंची शान ।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल ।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।

Saturday, 28 October 2017

पर्यावरण कविता

बड़ से गहराई सीखो, पीपल से सीखो ज्ञान 
नीम खड़ा वह सदा कह रहा, मत सहना अपमान 
कहे आंवला सभी रसों को, जीवन में अपना लेना  
है बबूल की सीख न शत्रु, कभी निकट आने देना 
जीवन को सुरभित करलो और सारे जग को महकाना 
इस विद्या को चंदन से, ज्यादा कब किसने पहचाना  
लता विटप और कंद मूल फल फूल सभी का है कहना 
मत कमतर आंको हमको, हम हर प्राणी का है गहना 
प्राणों की रक्षा हम करते, रोगों को भी हर लेते 
बल बुद्धि यौवन हम देते, कंचन सी काया करते 
फिर क्यों हम पर दानव बन कर टूट पड़ा है यह मानव 
बुद्धि विपर्यय विनाशकाले, सिद्ध कर रहा यह मानव 
अब भी समय शेष है, मौसम में ठंडक भी बाकी है 
हिमखंडों के पिघलन की परिणति क्या तुमने आंकी है 
इससे पहले कि पानी ऊपर हो जाए सिर से 
विश्व ऊष्मा कम करने को वृक्ष लगाओ फिरसे 
हे आर्यपुत्र अब शपथ उठा वनदेवी की प्रकृति मां की 
धरती माता की रक्षा में अब वानप्रस्थ बीते बाकी

Wednesday, 25 October 2017

Chhath Puja


इंडियन आर्मी

"हमारा झण्डा इसलिये नही फहराता किं हवा चल रही होती है,
ये हर उस जवान की आखिरी साँस से फहराता है जो इसकी
रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग कर देता है ।"

Saturday, 21 October 2017

Bhai dooj poem

कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….
बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली.
छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….!!
बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली,
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………!!
छोटी हो या बड़ी,
छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,
एक बहन होनी चाहिये…….!!
बड़ी हो तो,  गलती पे हमारे कान खींचने वाली,
छोटी हो तो अपनी गलती पर,
साँरी भईया कहने वाली…
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये..!!