Saturday, 21 October 2017

Bhai dooj poem

कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….
बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली.
छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….!!
बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली,
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………!!
छोटी हो या बड़ी,
छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,
एक बहन होनी चाहिये…….!!
बड़ी हो तो,  गलती पे हमारे कान खींचने वाली,
छोटी हो तो अपनी गलती पर,
साँरी भईया कहने वाली…
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये..!!

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