Tuesday, 13 September 2022

कक्षा आठवीं समय की पहचान

समय की परिभाषा करना अत्यंत ही क्लिश्ट है I क्योंकि यह प्रकृति प्रदत्त नहीं मनुष्य द्वारा कपोलकल्पित है और इसकी गणना भी मनुष्य द्वारा ही की गई है. सूर्य शास्वत है सदैव उदय रहता है. पर पूरे संसार में हर पल कहीं सूर्योदय और कहीं सूर्यास्त हो रहा है. उसी मान से दिन, सप्ताह और वर्ष होते हैं. और उसमें भी प्रत्येक अक्षांश और देशान्तर के सूर्योदय, सूर्यास्त, दिन,सप्ताह और साल मे अंतर आता है. यहां तक कि सभी देशों के कलेनंडर में भी फर्क है. अन्यथा यह सब एक समान होता.संसार में जो भी जीव व वनस्पति पैदा हुए हैं वे स्थायी नहीं हैं. उनकी जिवेषणा कुछ काल के लिए है. अतः पैदा होने से समाप्ती तक,सूर्योदय से सूर्यास्त तक के अन्तर को समय कह सकते हैं. कुल दूरी,वृद्धि को समय से भाग देने पर जो भाग फल आता है उसे गति कह सकते हैं. गति की विशेषता जानने से उसका प्रकार ही गतिशीलता है. अर्थात धीमी, तेज आदि।

प्रकृति में जीवों व वनस्पतियों के अलावा जमीन, पानी, और हवा स्थायी है. ये कहीं नहीं जाते.ये हर हाल में पृथ्वी पर ही हैं और रहेंगे. केवल अस्थायी के समय,गति और गतिशीलता की गणना की जा सकती है. सूर्य के ताप की वजह से वायु एंव जल गतिशील होते हैं. इनकी वजह से जीवों और वनस्पतियों में जीवन।













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