Tuesday, 13 September 2022

कक्षा छठी वाचन कौशल

वाचन कौशल के उद्देश्य

अपने भावों, विचारों, अनुभवों को सरलतापूर्वक, स्पष्ट ढंग से व्यक्त करने के योग्य बनना।

शुद्ध उच्चारण, उचित स्वर, उचित गति एवं हाव-भाव के साथ बोलना सीखना।

निसंकोच होकर अपने विचारों को व्यक्त करने के योग्य बनना।

परस्पर वार्तालाप करने के योग्य बनना।

धारा प्रवाह बोलने के योग्य बनना।

स्वाभाविक रूप से बोलने के भाव जागृत करना।

अपने विचारों को प्रभावोत्पादक ढंग से प्रस्तुत करना।

आदर्श वाचन में अध्यापक अपने वाचन को गति, यति, आरोह-अवरोह, स्वराघात को ध्यान में रखकर कक्षा में प्रस्तुत करता है।

अध्यापक द्वारा आदर्शवाचन के उपरान्त छात्रों द्वारा कक्षा में अनुकरण किया जाता है। पाठ के भावानुसार वाचन पैदा करने की क्षमता विकसित करना तथा ओजपूर्ण एवं उच्च स्वर से शृंगार रस के शिक्षण का वाचन आदि होता है।

लिखित सामग्री को बिना आवाज निकाले पढ़ना मौन वाचन कहलाता है, मौन वाचन के माध्यम से छात्रों में स्वाध्याय की रूचि जागृत की जाती है।

                               
























कक्षा आठवीं गतिविधियां

सूक्तियां वचन ज्ञान का सार होते हैं, इनके द्वारा हमें कम शब्दों में बेहतर ज्ञान प्राप्त होता है। हमारे विद्वानों, महापुरुषों और नीतिज्ञों के अनुभव और परिपक्व विचारों का समावेश आपको सूक्तियां में देखने को मिलता है। इससे हमारा जीवनपथ प्रशस्त होता है।

सूक्तियाँ हमारी मानसिकता व हमारे शुद्ध विचारों का निर्माण करती हैं, जिनके अनुसरण से जीवन को सरलता से जिया जा सकता है। यह जीवन में सुहृद् मित्र की भाँति हमारा पथ-प्रदर्शन करती हैं।

आज की इस पोस्ट में हम आपको मुख्य 100 से भी अधिक सूक्तियां (नीतिवचन) को बतायेंगे, इन्हें आप अपने जीवन में जरूर अपनाये।

                        













कक्षा आठवीं समय की पहचान

समय की परिभाषा करना अत्यंत ही क्लिश्ट है I क्योंकि यह प्रकृति प्रदत्त नहीं मनुष्य द्वारा कपोलकल्पित है और इसकी गणना भी मनुष्य द्वारा ही की गई है. सूर्य शास्वत है सदैव उदय रहता है. पर पूरे संसार में हर पल कहीं सूर्योदय और कहीं सूर्यास्त हो रहा है. उसी मान से दिन, सप्ताह और वर्ष होते हैं. और उसमें भी प्रत्येक अक्षांश और देशान्तर के सूर्योदय, सूर्यास्त, दिन,सप्ताह और साल मे अंतर आता है. यहां तक कि सभी देशों के कलेनंडर में भी फर्क है. अन्यथा यह सब एक समान होता.संसार में जो भी जीव व वनस्पति पैदा हुए हैं वे स्थायी नहीं हैं. उनकी जिवेषणा कुछ काल के लिए है. अतः पैदा होने से समाप्ती तक,सूर्योदय से सूर्यास्त तक के अन्तर को समय कह सकते हैं. कुल दूरी,वृद्धि को समय से भाग देने पर जो भाग फल आता है उसे गति कह सकते हैं. गति की विशेषता जानने से उसका प्रकार ही गतिशीलता है. अर्थात धीमी, तेज आदि।

प्रकृति में जीवों व वनस्पतियों के अलावा जमीन, पानी, और हवा स्थायी है. ये कहीं नहीं जाते.ये हर हाल में पृथ्वी पर ही हैं और रहेंगे. केवल अस्थायी के समय,गति और गतिशीलता की गणना की जा सकती है. सूर्य के ताप की वजह से वायु एंव जल गतिशील होते हैं. इनकी वजह से जीवों और वनस्पतियों में जीवन।