1- लोहड़ी आई – लोहड़ी आई,
सर्दी खत्म होने को आई,
दिन बड़े होने की ख़ुशी में,
सब ने मिलकर लोहड़ी मनाई|
13 जनवरी का दिन है आया,
खुशियों ने हैं डेरा डाला,
सुंदरी-मुंदरी के गीतों से,
हम सब ने लोहड़ी का है त्योहार मनाया|
लोहड़ी आई लोहड़ी आई,
मिलकर हम सब,
एक दूजे को दे बधाई,
जात-पात का भेद मिटाकर,
मिलकर हम सब ने ढांड जलाई|
मूंगफली रेवड़ी अग्नि में डालकर
लोहड़ी के गीतों से,
इस त्योहार की शोभा बढाई!
कुछ दिन पहले से बच्चों ने,
घर घर जाकर लोहड़ी मांगी,
दे नी माएं लोहड़ी,
तेरे द्वारे सारी टोली है आई,
दे नी माएं लोहड़ी,
तेरे द्वारे सारी टोली है आई!
लोहड़ी आई- लोहड़ी आई,
सबने इसे दिल से मनाई!
2- फिर से नूतन हर्ष
लेकर आयी लोहड़ी, फिर से नूतन हर्ष।
करते हैं सब कामना, मंगलमय हो वर्ष।।
शीतल-शीतल रात है, शीतल-शीतल भोर।
उत्सव का माहौल है, पसरा चारों ओर।।
खुश हो करके लोहड़ी, मना रहे हैं लोग।
ज्वाला में मिष्ठान्न का, लगा रहे हैं भोग।।
मन को बहुत लुभा रहे, त्योहारों के रंग।
रंग-बिरंगी गगन में, उड़ने लगीं पतंग।।
उत्तरायणी आ रही, देने अब सौगात।
घाट जायेगा देश में, सर्दी का अनुपात।।
मकर राशि में दिवाकर, आने को तैयार।
वासन्ती परिवेश के, खुल जायेंगे द्वार।।
आहट देख बसन्त की, कुहरा हुआ अपांग।
फूली सरसों देखकर, मन में उठी उमंग।।
भँवरे गुनगुन कर रहे, तितली करती नृत्य।
ख़ुश होकर सब कर रहे, अपने-अपने कृत्य।।
3- धूप हो चली तीखी-तीखी
आने वाली बसंत बहार,
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।
मौसम ने ले ली है करवट
सूरज ने बदली है चाल
कलरव करते पंछी निकले
हवा बजाती सुरमयी ताल,
रहे ठिठुरते जिससे हम सब
सर्दी की अब घटेगी मार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।
रंग-बिरंगी उड़ी पतंगे
आसमान में दौड़ लगातीं
लड़ती-भिड़ती हैं आपस में
कट कर धरती पर आ जातीं,
भाग रहे लेने को बालक
पतंग गिरे जितनी भी बार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।
घर-घर जाकर माँगे सबसे
बच्चे बना-बना कर टोली
दे रहे रेवड़ी, मूंगफली
सुन सब उनकी मीठी बोली,
मिलकर जश्न मनाएंगे अब
सभी बाल हो गए तैयार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।
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