Sunday 29 November 2020

श्री गुरु नानक देव के अनमोल विचार

 1. कोई उसे तर्क द्वारा नहीं समझ सकता, भले वो युगों तक तर्क करता रहे I

2. बंधुओं ! हम मौत को बुरा नहीं कहते, यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है I

3. प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ I

4. ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ I

5. तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं ; तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं I

6. धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो I

7. उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है I

8. मेरा जन्म नहीं हुआ है; भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकती है I

9. दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है I

10. भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है I

11. सांसारिक प्यार को जला दो, राख को रगड़ कर उसकी स्याही बना लो, दिल को कलम , बुद्धि को लेखक बना लो,वो  लिखो जिसका कोई अंत ना हो…कोई सीमा ना हो I

12. वह जिसे खुद में भरोसा नहीं है उसे कभी ईश्वर में भरोसा नहीं हो सकता I

13. निया एक नाटक है, जो एक सपने में मंचित है I

14. हर एक व्यक्ति के लिए, हमारे स्वामी और मालिक जीविका प्रदान करते हैं. अरे मन!तुम इतना डरे हुए क्यों हो? फ्लेमिंगों चिड़िया अपने बच्चों को छोड़ कर हजारों किलोमीटर की यात्रा करती है. उन्हें कौन खिलाता है, और उन्हें खुद को खाना खिलाना कौन सिखाता है? क्या कभी तुमने अपने मन में इस बारे में सोचा है?

15. केवल वो बोलो जो जो तुम्हारे लिए सम्मान लेकर आये I






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