Tuesday 21 January 2020

Progession Invite

Dear Parent 

Cambridge International Dav Pushpanjali is organising the first phase of  Progression - The Annual Cultural Curriculum Based Presentation (class PS- III) , felicitation of Interschool winners and exceptional character traits of students of IV to VIII on 24th Jan, 2020 in the school premises from 10.30 onwards.
We request your gracious presence for the same.
Please acknowledge the E card attached
Please note  that  Dispersal  of students will be after the  function  is over

Regards
Anita Shukla

Monday 13 January 2020

लोहड़ी



लोहड़ी का त्योहार पंजाबियों के लिए खास महत्व रखता है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो, उन्हें विशेष तौर पर लोहड़ी की बधाई दी जाती है। घर में नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी का काफी महत्व होता है। इस दिन विवाहित बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है। ये त्योहार बहन और बेटियों की रक्षा और सम्मान के लिए मनाया जाता है।
लोहड़ी मनाने की परंपरा 
लोहड़ी पर घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी के और अन्य तरह के गीत गाने की परंपरा हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा कम ही होता है। बच्चे घर-घर लोहड़ी लेने जाते हैं और उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाया जाता है। इसलिए उन्हें गुड़, मूंगफली, तिल, गजक या रेवड़ी दी जाती है। पहले दिनभर घर-घर से लकड़ियां लेकर इकट्ठा की जाती थीं, हालांकि आजकल लकड़िया बाज़ार से खरीद ली जाती हैं। इसके बाद शाम को चौराहे या घरों के आसपास खुली जगह पर इन्हें जलाकर लोहड़ी मनाई जाती हैं।उस अग्नि में तिल, गुड़ और मक्का को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। आग जलाकर लोहड़ी को सभी में वितरित किया जाता है। नृत्य-संगीत का दौर भी चलता है। पुरुष भांगड़ा तो महिलाएं गिद्दा नृत्य करती हैं।
ऐसी हैं लोहड़ी की कथाएं
भगवान शिव और सती 
ऐसा कहा जाता है कि राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में आग को जलाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया था, लेकिन इसमें अपने दामाद शिव और पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया। इस बात से नाराज़ होकर सती अपने पिता के पास जवाब लेने पहुंची। वहां, पति शिव की निंदा वह बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने खुद को उसी यज्ञ में भस्म कर दिया। सती की मृत्यु का समाचार सुन भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न कर उसके द्वारा यज्ञ का विध्वंस करा दिया।  
कृष्ण ने किया था लोहिता का वध 
एक अन्य कथा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा था, जिसे श्री कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था। उसी घटना के फलस्वरूप लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। 
दुल्ला भट्टी की कहानी
इस दिन अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द डांस किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाई जाती है। लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है। मान्यता है कि मुग़ल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स पंजाब में रहता था। उस समय कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी। तब से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है। 

Thursday 2 January 2020

भारत की महान विभूतियाँ

Learners of class 6 DAV pushpanjali enclave Cambridge International Delhi, learnt the contributions of various great figures like Dr. B.R Ambedkar, Ms Kalpana chawla, Dr. APJ Abdul Kalam Azad, Mr. Rakesh Sharma , Swami Dayanand Saraswati in india by making posters and giving presentations. Through this activity they ingrained the values of great leaders and promised to imbibe their teachings in everyday activities.








जीत आपकी

एक समय की बात है किसी गॉवो ,   में एक गुफा थी जिसे लोग मौत गुफा के नाम से जानते थे |कोई भी उसके आस पास भी नहीं जाना चाहता था | और ऐसा इसलिए था क्यों की उस गुफा में आज तक जो भी गया था कभी वापस लौट कर नहीं आया | लोग उस गुफा के बारे में सोचकर डर जाते |
अब उस गुफा में लगभग ३००  लोग जा चुके थे और कोई भी लौटकर नहीं आया |उसी गाओं में एक युवक आया | और उसे इन सब बातो पर यकीन नहीं हुआ की आज  के ज़माने में ऐसा कही होता है | उसने तय किया वह उस गुफा में जाएगा | पर जैसे ही गाओं के लोगो को ये पता चला की वह युवक उस गुफा में जा रहा है |  तो सब उसके घर के पास इक्कठे हो गए और उसे समझने लगे की तुम आखिर क्यों जाना चाहते हो | अगर गए भी तो लौट कर वापस नहीं  आ पाओगे |
पर उसने उन सब लोगो की बात नहीं सुनी और अगले दिन सुवह ही वह उस गुफा की तरफ गया | और गुफा में अंदर जाते ही कुछ आगे जाने पर बहुत अँधेरा था | धीरे धीरे वह गुफा में काफी अंदर  आ गया | तभी उसके लगा कोई उसका पिच कर रहा है और किसी ने पीछे से उसे धक्का दिया | युवक  ने पीछे पाटकर देखा  तो वहां ४ आदमी खड़े थे | वो उसे बंद कर एक जगह ले गए | उसने देखा वो जगह बहुत ही अच्छी थी और सभी सुख सुविधायो से सुसज्जित थी |
उन ४ आदमियों ने उसे बतया हम सभी भी इस गुफा में आये थे | पर यहं इतनी सुभिधा देखकर यही रुक गए |
तुम्हे डरने के लिए हमने तुम्हे धक्का दिया . और वह युवक भी उसी जगह रुक गया | बाकि गाओं वालो काहां वहम और पक्का हो गया की कोई भी लौटकर नहीं आता उस गुफा से |

Moral of the Story
इस कहानी को अगर हम अपनी ज़िंदगी में देखंगे की जयदतर कोई भी नया काम शुरू करने पर लोग हम्हे तरह तरह से डराते हैं | की इस काम को करोगे तो ऐसा होगा वैसा होगा हम पहले भी इसे कर चुके है . जैसे अगर हमे नया बिज़नेस स्टार्ट करना है , हम अपने idea  को किसी के साथ discuss करते हैं , तो पहले तो वही सुनने को मिलेगा ऐसे कोई बिज़नेस नहीं होता  .  तो या हो हम बाकि गाओं वालो की तरह डर कर रह जाते हैं |  और ज़िंदगी जैसे चल रही थी वैसे ही चलती रहती है | या उस युवक की तरह डर से जीत जाते हैं और उस काम को कर लेते हैं फैसला हमेशा हमको ही लेना होता हैं | 

दो दोस्तों की कहानी

यह कहानी दो दोस्तों की है जिनकी उम्र 18 साल है| दोनों बचपन में साथ खेलते, साथ पढ़ते इसलिए दोनों के ख्वाब भी लगभग एक जैसे थे| दोनों ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहते थे| दोनों हमेशा साथ रहते थे, हमेशा एक दुसरे से अपने दिल की बात शेयर किया करते थे| एक दिन दोनों टहलते-टहलते गाँव से थोडा दूर निकल आए थे| तभी पहले दोस्त ने दुसरे दोस्त से कहा, “यार ! कल मेने शहर में एक BMW कार देखी, अगर वह कार मुझे मिल जाए तो पुरे गाँव में मेरी वाहवाही हो जाएगी और गाँव वाले मेरा हमेशा सम्मान करेंगे| इधर दुसरा दोस्त अपने दोस्त की बात सुनकर खुद भी BMW कार के सपने देखने लगा|
अब दोनों दिन रात BMW कार के सपने देखा करते| पहला दोस्त BMW कार के लिए इतना उतावला हो गया की वह दिन-रात बस उस कार के बारे में ही सोचने लगा| उसने अपनी ज़िन्दगी का लक्ष्य बना लिया की अगले 10 साल में उसे BMW कार चाहिए| चाहे उसके लिए उसे दिन-रात महनत ही क्यों न करना पड़े|
इधर दूसरा दोस्त भी BMW के सपने देख रहा था| लेकिन एक रात उसने खुद से एक सवाल पूछा, कि “आखिर उसे BMW कार चाहिए क्यों ?” बस उसके सोचने भर की देर थी की उसके दिल ने ज़वाब दिया, “इसलिए क्यों की वह पुरे गाँव को दिखाना चाहता है की वह भी ज़िन्दगी में सफल हो सकता है|” उसने फिर अपने दिल से पुछा कि, “आखिर वह गाँव वालों को यह दिखाना क्यों चाहता है ?” उसके दिल ने ज़वाब दिया, “क्यों की उसके आसपास सब यही कर रहें हैं|”
अपने दिल के दिए इस जवाब से वह हिल उठा| उसने अपने चारों और देखा और पाया की हर जगह दिखावे की एक रेस लगी हुई है और वह भी अब उस रेस का हिस्सा बनने जा रहा है| अगले ही पल उस लड़के ने ठान लिया की वह इस रेस का हिस्सा नहीं बनेगा| उसे नहीं चाहिए BMW कार| तभी उसे उसके दिल की बात सुनाई दी….
तिन साल पहले वह और उसके पिताजी एक गाँव में कुछ सामान बेचने जा रहे थे| आते हुए रास्ते में वह एक ढाबे पर चाय पिने के लिए रुके, तभी उसके पिताजी के साइन में अचानक दर्द होने लगा| उसने एक मिनट भी देर किये बगैर अपने पिताजी को पास के एक अस्पताल पहुँचाया ,लेकिन वहां के डाक्टरों ने जल्द से जल्द उन्हें किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा| बड़ा अस्पताल वहां से तिन घंटे की दुरी पर शहर में था| वह अपने पिताजी को शहर के एक बड़े अस्पताल में ले गया लेकिन तब तक उसके पिताजी उसको छोड़ कर जा चुके थे| वह अन्दर से बिलकुल टूट चूका था| उस दिन उसे यह बात समझ नहीं आई थी लेकिन आज उसे यह बात समझ आ गई थी की अगर उस दिन गाँव के उस अस्पताल में कोई बड़ा डॉक्टर होता तो आज उसके पिताजी जिंदा होते|
सालों से अपने दिल की गहराई में छुपी इस बात को आज जानकर उसकी ज़िन्दगी का लक्ष्य उसे पता चल चूका था| जहाँ पहले वह दिन में एक घंटा भी पढ़ नहीं पाता था आज वह डॉक्टर बनने के लीए दिन-रात पढने लगा| वहीँ उसका दोस्त भी अपने BMW के सपने को पूरा करने के  दिन रात एक कर रहा था| 10 साल बाद पहला दोस्त एक बहुत बड़ा डॉक्टर बना और दुसरे दोस्त ने भी अपने सपने को पूरा करते हुए एक BMW कार खरीद ली|
लेकिन, पहला दोस्त जो डॉक्टर था वह अपने काम से प्यार करता था और गाँव में लोगों की जान बचाकर बहुत खुश रहता| भले ही उसे BMW नहीं मिली हो लेकिन फिर भी आज वह बहुत खुश था| वहीँ दूसरा दोस्त जिसके पास BMW कार थी अपने काम से बहुत दुखी रहता| दिन भर उसे अपनी कार के चले जाने की चिंता सताए रहती|
पहला दोस्त जो डॉक्टर था वह अपनी ज़िन्दगी ख़ुशी-ख़ुशी जी रहा था जबकि दूसरा दोस्त अब एक बड़े घर को पाने के लिए अब भी उसी रेस में लगा हुआ था|
तो दोस्त कहानी का सार यह है की हमेशा अपने काम से प्यार करो| वह करो जो तुम्हारा दिल कहता है, वह करो जो दुम्हारा दिल करना चाहता है| क्यों की पैसे से प्यार करोगे तो पैसे के चले जाने का हमेशा दुःख रहेगा लेकिन अगर अपने काम से प्यार करोगे तो काम में हमेशा मन लगा रहेगा और ज़िन्दगी भर खुश रहोगे|

Happy New Year

My Happy New Year wish for you
Is for your best year yet,
A year where life is peaceful,
And what you want, you get.
A year in which you cherish
The past year’s memories,
And live your life each new day,
Full of bright expectancies.
I wish for you a holiday
With happiness galore;
And when it’s done, I wish you
Happy New Year, and many more.