बाल दिवस
पौधों के पंख
नये पौधेशहर भर में गये रौंदेखुशबुओं के रास्तों सेशाह की गुज़री सवारीआग की मीनार के नीचेकुओं की खोज ज़ारीगुंबजों की गूँजसुनकरकाँपते रह-रह घरौंदेएक नीली झील के तट परसुरंगों के मुहानेधुआँ-देती आहटें हैंफूल-पत्तों के ठिकानेहाट भर मेंबिक रहे हैंनये सूरज के मसौदे
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