Sunday 28 October 2018
Wednesday 24 October 2018
बाल दिवस
ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वॉर्मिंग से गरमाती धरती,
ग्लेशियर पिघल रहे, घबराती धरती।
वायुमंडल हो रहा सारा ही दूषित,
उथल-पुथल है भीतर बतलाती धरती।
ग्रीन हाउस गैसों से बढ़ रहा खतरा,
सभी की चाहत है मुस्कुराती धरती।
कहीं बाढ़, कहीं सूखा, रंग दिखलाता,
खून के आंसू भीतर बहाती धरती।
सुनामी का तांडव कहीं लील न जाए,
बचा लो तटों को, पाठ पढ़ाती धरती।
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