आओ बच्चो! तुम्हें सुनाएँ, गाथा एक पुरानी।
पुभु र्इसा कैसे जन्मे थे? इसकी सुनो कहानी।
'यूसुफ और 'मारिया के घर, प्रभु का बेटा आया।
आते ही उसने 'बेथेलहेम, चमत्कार दिखलाया।।
एक सितारा अदभुत चमका, धर्मगुरू ने जाना।
ये तो बेथेलहेम का राजा, ज्योतिष से पहचाना।
खबर हो गयी बादशाह को, काँप उठा वह डर से।
मरवा डाले सारे बच्चे, खींच- खींच कर घर से।।
लेकिन 'नाजेरथ का र्इसा, मार नहीं वह पाया।
बाद मृत्यु के बादशाह की, 'नाजेरथ वह आया।
होकर युवा काम बढ़र्इ का, संग पिता के करता।
और सभी में पे्रम दया की, मधुर भावना भरता।
एक दिवस 'मर्दन के तट पर, 'योहन से टकराया।
दिव्य अलौकिक शकित प्राप्त कर, छोड़ी सारी माया।
पे्रम और मानवता का वह, ज्ञान सभी को देता।
घूम- घूम कर इधर उधर वह, सबके दुख हर लेता।
र्इश्वर समझा सबने उसको, तो 'कैफस घबराया।
कर षड़यंत्र यीशु को उसने, सूली पर लटकाया।।
सत्ताइस सौ वर्ष हो गये, भूल नहीं हम पाते।
जन्म दिवस आते ही उसका, सौ- सौ दीप जलाते।
पुभु र्इसा कैसे जन्मे थे? इसकी सुनो कहानी।
'यूसुफ और 'मारिया के घर, प्रभु का बेटा आया।
आते ही उसने 'बेथेलहेम, चमत्कार दिखलाया।।
एक सितारा अदभुत चमका, धर्मगुरू ने जाना।
ये तो बेथेलहेम का राजा, ज्योतिष से पहचाना।
खबर हो गयी बादशाह को, काँप उठा वह डर से।
मरवा डाले सारे बच्चे, खींच- खींच कर घर से।।
लेकिन 'नाजेरथ का र्इसा, मार नहीं वह पाया।
बाद मृत्यु के बादशाह की, 'नाजेरथ वह आया।
होकर युवा काम बढ़र्इ का, संग पिता के करता।
और सभी में पे्रम दया की, मधुर भावना भरता।
एक दिवस 'मर्दन के तट पर, 'योहन से टकराया।
दिव्य अलौकिक शकित प्राप्त कर, छोड़ी सारी माया।
पे्रम और मानवता का वह, ज्ञान सभी को देता।
घूम- घूम कर इधर उधर वह, सबके दुख हर लेता।
र्इश्वर समझा सबने उसको, तो 'कैफस घबराया।
कर षड़यंत्र यीशु को उसने, सूली पर लटकाया।।
सत्ताइस सौ वर्ष हो गये, भूल नहीं हम पाते।
जन्म दिवस आते ही उसका, सौ- सौ दीप जलाते।
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