Monday, 26 September 2016

Ishwar Chandra Vidyasagar Birthday 26 september 1820

इश्वर चन्द्र विद्यासागर ( १८२० - १८९१ )


इश्वर चन्द्र विद्यासागर एक प्रचिलित विद्वान तथा लेखक थे | उन्होंने अपना सारा जीवन सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित किया था |


उनका जन्म २६ सितम्बर १९२० को पश्चिम बंगाल के  मिदनापुर (हुगली जिल्हा) के एक भ्रमण घराने में हुआ था | उनके पिता का नाम ठाकुरदास बनर्जी और उनकी माता का नाम भगबती देवी था | इश्वर चन्द्र ने  अपने  पिता को ही अपना गुरु मान लिया था | जीवन में उन्होंने अपनी माता की तरह परोपकारी  तथा दयालु रहना सिखा |

शिक्षण
 इश्वर चन्द्र का शिक्षण कलकत्ता में हुआ | उन्होंने १९३९ में उन्होंोंने अपनी कानून की परीक्षा सफलता से उत्तीर्ण की | सन १८४१ में इश्वर चंद्राने फोर्ट  विल्लियम कॉलेज में संस्कृत विभाग क मुख्याध्यापक के पद पर काम करना शुरू किया | भारत के आज़ादी के प्रति का भाव और  " डिरेक्टर ऑफ़ पब्लिक एदुकतिओन " के साथ उन्हके मतभेद के बाद उन्हों ने अपना इस्तीफा दे दिया | इसके बाद आर्थिक आज़ादी के लिए उन्होंने मुद्रुक तथा प्रकाशक के तौर पर बंगाली भाषा में अनेक पुस्तके लिखी |

समाजिक कल्याण
उन्होंने निर्भिड़ता से सफलतापूर्वक विधवा विवाह का अभियान चलाया | उन्होंने इस कार्य के लिए पूर्णतः अपना तन- मन अर्पण किया था | उन्होंने बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए बहुत प्रयत्न किये लेकिन वह उसमे असफल रहे | लेकिन इस हार से निराश न होते हुए उन्होंने महिलाओ के शिक्षण का अभियान सफलतापूर्वक पर किया | वह बेथूने स्कूल के प्रथम सचिव बने | उन्होंने मेट्रोपोलिटिन कॉलेज ( अब विद्यासागर कॉलेज ) की स्थापना की | इश्वर चन्द्र कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रबंध सभा के सदस्य भी रह चुके है | उन्होंने बंगाली में अनेक पाठ्यपुस्तके प्रकाशित की | बेताल्पंचाहिन्ग्सती, उपक्रमणिका, चरिताबोली , कोथामाला , बमापोरिचोय यह उनकी कुछ पुस्तके बहुत प्रचिलित है | 

Tuesday, 20 September 2016

September 21st, 2016

शांति का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Peace) :-

हर साल शांति का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Peace) जिसे कुछ लोग विश्व शांति दिवस के रूप में भी जानते हैं 21 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है | महासभा ने सभी देशों और देश के भीतर लोगों के बीच शांति के आदर्शों को मजबूत बनाने के लिए इस दिन को शांति के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की है |

वर्ष 2016 के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का विषय है ” The Sustainable Development Goals: Building Blocks for Peace.” 

शांति का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Peace) मुख्य रूप से सम्पूर्ण विश्व में शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है | आज की दौड़ भाग भरी जिंदगी में इंसान शांति की खोज में मनुष्य सारा जीवन भटकता रहता है | किन्तु आज के समय में इंसान दिन-प्रतिदिन इस शांति से दूर होता जा रहा है | आज चारों तरफ़ फैले आतंकबाद ने शांति को व्यक्ति से और भी दूर कर दिया है | पृथ्वी, आकाश व सागर सभी अशांत हैं। स्वार्थ और घृणा ने मानव समाज को विखंडित कर दिया है। यूँ तो ‘विश्व शांति’ का संदेश हर युग और हर दौर में दिया गया है, लेकिन इसको अमल में लाने वालों की संख्या बेहद कम रही है |

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का इतिहास : – 

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Peace Day)  पहली बार 21 सितंबर 1982 में मनाया गया था जिसमे कई देशों, राजनीतिक समूहों , सैन्य समूहों, के लोग शामिल थे | शांति के पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था “Right to peace of people.” | 

वर्ष 1982 से 2001 तक सितम्बर महीने के तीसरे मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस’ या ‘विश्व शांति दिवस’ के लिए चुना गया था था, लेकिन बाद में वर्ष 2002 में 21 सितम्बर ‘अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस’ या ‘विश्व शांति दिवस’ के रूप में घोषित कर दिया गया |

वर्ष 2011 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था “Peace and Democracy: Make Your Voice Heard.” 

वर्ष 2012 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था ” Sustainable Peace for a Sustainable Future ” 

वर्ष 2013 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था ” Focus on Peace education “ 

वर्ष 2014 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था ” Right to peace “ 

वर्ष 2015 के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय था “Partnerships for Peace – Dignity for All “

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) का उद्देश्य : – 

सम्पूर्ण विश्व में शांति कायम करना ही आज संयुक्त राष्ट्र का मुख्य लक्ष्य बन चूका है। अंतरराष्ट्रीय संघर्ष को रोकने और शांति की संस्कृति विकसित करने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ है | संघर्ष, आतंक और अशांति के इस दौर में अमन की अहमियत का प्रचार-प्रसार करना बेहद जरूरी और प्रासंगिक हो गया है। इसलिए संयुक्त राष्ट्रसंघ, और उसकी तमाम संस्थाएँ, गैर-सरकारी संगठन, सिविल सोसायटी और राष्ट्रीय सरकारें प्रतिवर्ष 21 सितम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस’ का आयोजन करती हैं। शांति का संदेश दुनिया के कोने-कोने में पहुँचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, सिनेमा, संगीत और खेल जगत की विश्वविख्यात हस्तियों को शांतिदूत के रूप में भी नियुक्त कर रखा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तीन दशक पहले यह दिन सभी देशों और उनके निवासियों में शांतिपूर्ण विचारों को सुदृढ़ बनाने के लिए समर्पित किया था |