Sunday, 5 November 2023

नाट्य मंचन

 नाट्य और नृत्त, दृश्य काव्य के ये दो भेद हैं। नट-नटी द्वारा किसी अवस्थाविशेष की अनुकृति नाट्य है - 'नाट्यते अभिनयत्वेन रूप्यते- इति नाट्यम्'। ताल और लय की संगति से अनुबद्ध अनुकृत को नृत्त कहते हैं। ये दोनों ही अभिनय के विषय हैं और ललित कला के अंतर्गत माने जाते हैं।


विशेषण तथा विशेष्य

विशेष्य और विशेषण में यह अंतर होता है की संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं जबकि विशेषण जिसकी विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं. अतः किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द ही विशेष्य होता है|