अनमोल कंकड
ये कहानी एक ऐसे लड़के की है जो पूरे दिन उदास और परेशान रहता था । उसकी परेशानी का मुख्य कारण ये था कि वो गरीब घरसे था। उसकी इच्छा थी कि वो अपने-पिता को पुरे जहाँ की सैर कराये और हमेशा उनको खुश रखे। लेकिन पैसो की कमी के कारण ऐसी स्थिति में वह लाचार और दुनिया से हार चुका था।
एक दिन लड़का दुखी होते हुए सड़क से जा रहा था, तभी उसको एक ज्ञानी गुरूजी मिले । लड़के को परेशानी में देखके गुरूजी से रहा नही गया और उन्होंने पूछा कि “बेटा क्या हुआ क्यूँ इतने चिंतित हो”।
इतने में लड़का बोला कि “गुरूजी में बहुत परेशान हूं और मुझे पैसों की बहुत जरूरत है ताकि में मेरे माता-पिता को पूरी दुनिया घुमा सकूँ और उन्हें खुश रख सकूँ पर पैसो के बिना ये असम्भव है ।गुरूजी उसकी हालत को देखके उसे एक जगह पर ले गए । उस जगह पर चारो तरफ कंकड ही बिछे हुए थे और गुरूजी ने लडके को कहा कि इन सभी कंकड में से कोई एक कंकड है जो कोई भी चीज को सोने में बदल सकती है, कोई भी धातु पर ये कंकड को रखने से वो धातु भी सोने की हो जाएगी ।लड़का बोला “गुरूजी में उस अनमोल कंकड को पहचानूँगा केसे? गुरूजी ने कहा वह कंकड की पहचान उसके तापमान से होगी और जब तुम कोई साधारण कंकड को हाथ में लोगे तब तुम्हे ठंडा महसूस होगा लेकिन जब वह अनमोल कंकड को हाथ में लोगे तो तुम्हे गरम सा महसूस होगा तब समझ लेना कि वही शक्तिशाली कंकड है जो तुम्हारी दुनिया बदल सकता है ।परंतु वहा पर अधिक मात्रा में कंकड पड़े थे और उनमे से वह एक कंकड निकालना कोई साधारण बात नहीं थी ।वह लड़का बहुत ज्यादा खुश हुआ और सोचने लगा कि उसे तो तुरंत ही कंकड मिल जाएगा और वह आसानी से अमीर बन जाएगा।लेकिन वो ये नहीं समझ पा रहा था कि जिस बुद्धिमान गुरूजी ने उसे ये करने को बोला है उसने ऐसे ही तो बोला नहीं होगा, जरूर उसके पीछे कोई कारण छिपा होगा, अगर इतनी जल्दी लड़के को कंकड मिल जाता तो बात ही क्या थी।इसीके साथ प्रोत्साहित होकर लड़के ने उस अनमोल कंकड की खोज सुरु कर दी।धीरे धीरे वह कंकड को परखने लगा और जो कंकड उसे तापमान मे ठंडा लगता, लड़का उसे पास के नदी में फेक देता था ताकि उसको फिरसे वही कंकड बारबार हाथ में न लेना पड़े।धीरे धीरे करके 1 दिन से 1 महिना हो गया फिर भी लड़के को कंकड नहीं मिला, लड़का हताश होने लगा पर उसने कंकड की खोज जारी ही रखी। ऐसे करते करते ४ महीने हो गये पर फिर भी वह कंकड मिला नहीं ।शुरू-शुरू में वो लड़का बहुत बारीकी से कंकड को देखता और परखता था परंतु इतना समय होजाने के बाद अब वो निराश हो गया था और इतनी बारीकी से हर कंकड को नहीं परखता था पर उसने खोज जारी ही रखी ।गुरूजी समझ गये कि लड़के के दिमाग की विचारधारा बदल गई है । वह हर कंकड को हलके में ले रहा है और सीधा नदी में फेक दे रहा है।अब हुआ ये की जब असली में उस लड़के ने वह अनमोल कंकड खोज लिया और उस कंकड को हाथ में लिया तो कई सारे कंकडो की तरह उसने अनमोल कंकड को भी पानी मै फेक दिया और उसके सिर्फ ५ सेकंड बाद उसे पता चला की उसके हाथ पर लाल धब्बा आ गया है और गरम सा महसूस होने लगा ।तभी उसे पता चला की जो कंकड उसने अभी फेंका वह कोई साधारण कंकड नहीं था परंतु जो गुरूजी ने बोला था वही कंकड था । परंतु फेंकने के बाद वो अभी नदी में से निकालना मुमकिन नहीं था ।सभी कंकडो के जेसे उसने वो अनमोल कंकड को भी हलके में ले लिया और ध्यान से परखे बिना ही नदी में बहा दिया। उसकी यह भूल के कारण उसकी परिस्थिति वैसी की वैसी ही रह गयी।
सीख:
आपकी जिंदगी में ये अनमोल कंकड एक अवसर एक मौका है और ये सब साधारण कंकड वो आपका हर एक दिन है । वो अनमोल कंकड आपके हाथ में कब आएगा आपको भी नहीं पता है परंतु आपको साधारण कंकड़ रूपी हर एक दिन को ध्यान से परखना है। जिस दिन आपको वो अनमोल कंकड मिल गया वो आपकी पूरी दुनिया ही बदल देगा।परंतु जिस समय आपने अपने हर एक दिन को हलके में लेना शुरू कर दिया। धीरे धीरे हलके में लेना आपकी मानसिकता हो जाएगी और जब कोई बड़ा दिन आपकी जिंदगी में आयेगा आप उसे भी अपनी आदत के कारण हलके में ले लोगे और नतीजे में आपको सिर्फ पछतावा होगा।